किसने कराया ?
कब कराया ?
कैसे पहुंचे
एवं इतिहास बारे में जानेंगे।
राजराजेश्वरी बिजासन माता का इतिहास 1000 साल पुराना है।
बिजासन माता : बीज +आसन अर्थात बिजासन, यहां माता का आसन बीच पर माना जाता है इसलिए इसे बिजासन माता मंदिर कहा जाता हे राजराजेश्वर बिजासन माता का इतिहास 1000 साल पुराना है।
मंदिर का निर्माण : यहां खोलकर राज घराने के लोग शिकार करने के लिए आया करते थे तब उन्हें माता के दर्शन हो गए, तब उन्होंने सन् 1920 में यहां पक्के मंदिर का निर्माण कराया, तब से यहां भक्तों का आना जाना लगा रहता है।
भक्तों की श्रद्धा : यहां भक्तों मन्नत मांगते हैं, पूरा होने पर दर्शन करते है ,भारत के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं ,भक्तों का मानना है कि बिजासन माता पुत्र दयनीय है यहां मनचाही इच्छा पूर्ति होती हे, यहां चेत्र एवं शरद नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
विशेष : बिजासन माता मंदिर में चित्र एवं शरद नवरात्रि में मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हे नवरात्रि में माता के दर्शन का विशेष महत्व है।यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है इसलिए इसे बिजासन टेकरी के नाम से भी जाना जाता है।.मंदिर के सामने एक बड़ा सा तालाब है जिसमें विभिन्न प्रजाति की मछलियां छोड़ी गई है जिन्हें श्रद्धालु दाने खिलाते हैं। पहले यहां काफी संख्या में बंदर पाए जाते थे पर पास में एयरपोर्ट होने के कारण नगर निगम वाले पकड़ ले जाते हैं पर फिर भी एक दो बंदर दिखाई दे जाते हैं। यहां गार्डन में बैठने की उचित व्यवस्था हेे यहां एक बड़ा सा दीपक है जो व्यू प्वाइंट है जहां से इंदौर बहुत सुंदर दिखा देते हैं साथ ही इंदौर एयरपोर्ट की हवाई पट्टी (run way) भी दिखाई देती है जिससे आप यहां अपना हवाई जहाज उतरते एवं उड़ते देख सकते है
पिकनिक (Picnic spot) : यह पिकनिक के लिए बहुत अच्छा स्थान है यहां स्कूल पिकनिक के लिए बच्चे आते हैं।
- यहां पास ही दो जैन तीर्थ -
हिंगकारगिरि तीर्थ -2 मिनट की दूरी पर हिंगकारगिरि तीर्थ पहाड़ी पर स्थित है यहां मंदिर को विशिष्ट शैली में बनाया गया है जो कि बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है यहां पर एक दृश्य गैलरी (View Point)है जहां से एयरपोर्ट का बहुत ही सुंदर नजारा दिखाया जाता है।
गोमटगिरी तीर्थ - बिजासन माता मंदिर से 5 मिनट की दूरी पर गोमटगिरी तीर्थ है यह मंदिर एवं भव्य प्रांगण है जहां बहुत सारे श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
- पितरेश्वर हनुमान धाम - बिजासन माता मंदिर से 7 मिनट की दूरी पर विश्वर हनुमान धाम है यहां भगवान हनुमान की 62 फीट ऊंची अष्टधातु मूर्ति विराजमान हे यहां पर लोग अपने पितरों की याद में वृक्षारोपण करते हैं यहां अब तक लाखों पोधे लगाए जा चुके हैं यहां दो छत्रिय हैं जहां से प्रकृति का अनुपम सौंदर्य दिखाई देता है।
Kese pahuche : Airport 2 min ki duripar and Indore airport road neer by Mumbai agrara highway
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