आज हम जानेंगे-श्री पितरेश्वर हनुमान धाम क्यों कहते है?, इसका निर्माण किसने कराया?, कैसे पहुंचे? और क्या विशेष है? श्री पितरेश्वर हनुमान धाम - विश्व की प्रथम 66 फीट ऊंची अष्टधातु निर्मित भगवान हनुमान की प्रतिमा, यहा भगवान हनुमान बैठे हुए भगवान श्री राम के भजन में लीन दोनों हाथों में मजीरे लिए बहुत ही अद्भुत प्रतीत होते हैं, इनका आकर्षण प्रत्येक श्रद्धालुओं को अपनी आंखे ना हटाने के लिए मजबूर कर देते हैं। यहां पास में ही कुछ दुरी पर पितरेश्वर महादेव विराजमान है जो भगवान हनुमान की प्रतिमा की पीछे कुछ दूरी पर स्थित है। निर्माण - उस समय के विधायक श्री कैलाश विजयवर्गीय ( अब बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव पद ) ने बनवाने का सपना देखाओर पुरा भी किया, मूर्ति का निर्माण ग्वालियर में अलग-अलग भागों में किया गया और पित्र पर्वत नामक पहाड़ी पर इसे मूर्त रूप दिया गया। भगवान हनुमान की करीब 6 करोड रुपए लागत से बनी प्रतिमा कि ऊंचाई 66 फीट वजन 108 टन साथ ही हनुमान की गदा की ऊंचाई 45 फीट, लंबाई 22 फीट, चौड़ाई 11 फीट एवं वजन 110 क्विंटल है। इसका निर्माण 125 कारीगरों ने 7 साल में पूरा किया। पित्रेश्वर हनुमा
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